उत्तराखंड में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ाई गई सतर्कता

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें भारत द्वारा आतंकवाद के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों के संदर्भ में राज्य की तैयारियों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दिए और विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित किया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की प्रशासनिक इकाइयों को चौकस रखा जाए, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में जहां सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने सभी जिला प्रशासन को आवश्यक उपायों के लिए तैयार रहने की सलाह दी। इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाइयां, सर्जिकल उपकरण और अन्य चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग को राज्य में राशन, खाद्य सामग्री और पीने के पानी की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में नागरिकों को आवश्यक संसाधनों की कमी नहीं होने पाए, और इसके लिए विभागों को आपातकालीन योजना के तहत काम करना होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमों को भी तैयार रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने सूचना विभाग को सक्रिय रूप से काम करने और अफवाहों से बचने के लिए सही समय पर जनता को जानकारी देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है और कोई भी संकट या आपातकालीन स्थिति हो, राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित और तैयार रहें।
बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्धन, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव गृह शैलेश बगौली और एडीजी ए.पी अंशुमान भी उपस्थित थे।
