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यूसीसी पर सीएम धामी को सम्मान, बोले– समानता अब ज़मीन पर दिख रही है

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर हरिद्वार के बीएचईएल मैदान में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस मौके पर उन्हें उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने के लिए ‘डॉ. बी.आर. आंबेडकर महामंच’ द्वारा सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री ने सम्मान प्राप्त करते हुए कहा कि यह सम्मान किसी एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि उस विचारधारा का है, जिसने भारतीय समाज में वर्षों से न्याय और समानता की आवाज बुलंद की है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर का सपना था कि देश के हर नागरिक को समान अधिकार मिले और आज उसी दिशा में देश आगे बढ़ रहा है।

धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू कर उत्तराखंड ने केवल एक कानून नहीं बनाया, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि यह जनआंदोलन अब उत्तराखंड की सीमाओं से निकलकर देशभर में गूंज रहा है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को इस फैसले की सफलता का आधार बताया।

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मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अंबेडकर ने संविधान के अनुच्छेद 44 में समान नागरिक संहिता को नीति निर्देशक तत्व के रूप में शामिल किया था, जिसे अब उत्तराखंड में लागू कर उनके विचारों को धरातल पर उतारा गया है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने सामाजिक समरसता के लिए हमेशा सभी धर्मों और जातियों के लिए समान कानून की वकालत की थी।

सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी लागू होने के बाद राज्य में महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरुआत हुई है। इससे मुस्लिम महिलाओं को इद्दत, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुरीतियों से मुक्ति मिली है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार और संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में ‘बाबा साहेब समरसता स्थल’ के निर्माण की घोषणा की। साथ ही अनुसूचित समाज के सुधारकों के नाम पर बहुद्देशीय भवनों के निर्माण, तथा स्कूलों और कॉलेजों में विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन की बात कही। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति आयोग के माध्यम से संचालित किए जाएंगे।

कार्यक्रम से पूर्व बीएचईएल मैदान से केंद्रीय विद्यालय परिसर तक एक रैली निकाली गई, जिसमें हजारों लोगों ने पुष्पवर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इसे जनसमर्थन की एक बड़ी मिसाल बताते हुए कहा कि यह जनसमूह यह संकेत दे रहा है कि उनके फैसले पर लोगों को विश्वास है।

सीएम ने बताया कि सरकार ने अनुसूचित वर्ग के कल्याण के लिए बजट में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों को छात्रवृत्ति, निःशुल्क छात्रावास, आवासीय विद्यालय, आईटीआई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। अंतर-जातीय विवाह करने वालों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि भी सरकार द्वारा दी जा रही है।

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धामी ने अंत में कहा कि यह नया भारत है, जो अपनी विरासत को सम्मान देता है और साथ ही नए मानदंड स्थापित करता है। यह केवल एक कानून नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति की शुरुआत है। बाबा साहेब के विचारों के अनुरूप काम कर, हम एक समरस और न्यायसंगत समाज की ओर अग्रसर हैं।

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