यहां अचानक खाई में जा गिरा विद्युत विभाग का लाइन मैन, शव बरामद
पिथौरागढ़। अस्कोट थाना क्षेत्र में विद्युत विभाग का लाइनमैन गहरी खाई में जा गिरा। जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू कर शव को निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक 20 दिसंबर को कोतवाली अस्कोट पुलिस को ग्राम प्रहरी चमडूंगरी ललित प्रसाद ने सूचना दी कि, ग्राम चमडूंगरी में एक व्यक्ति की खाई में गिरकर मृत्यु हो गई है । सूचना पर थाना अस्कोट से महिला उपनिरीक्षक मीनाक्षी देव व पुलिस कर्मी तुरन्त ग्राम चमडूंगरी पहुंचे तो मौके पर ग्राम चमडुंगरी व ग्राम कांणाधार के लोग मौजूद मिले। जिनसे उक्त व्यक्ति के सम्बंध में पूछताछ की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि उक्त व्यक्ति हरीश सिंह पुत्र स्वर्गीय लाल सिंह उम्र करीब 36 वर्ष है, जो ग्राम कांणाधार पोस्ट छडनदेव थाना-कनालाछीना जनपद-पिथौरागढ का निवासी है। वह संविदा में बिजली लाइनमैन का कार्य करता था। 19 दिसंबर 23 को यह व्यक्ति ग्राम चमडूंगरी आया था तथा समय करीब 13-30 बजे अपने घर के लिए रवाना हो गया था, उसके बाद से परिजन उसे ढूंढ रहे थे। 20 दिसंबर को लोगों ने मृतक हरीश सिंह को गोबारीगाड़ा झरने में पड़े हुए देखा था।
पुलिस टीम द्वारा घटनास्थल पर जाकर देखा तो गोबारीगाड़ा झरने के नीचे तलहटी में मृतक का शव छाती के बल पड़ा था, मृतक के माथे, बायीं आंख, बायें गाल/ चेहरे/ मुंह में काफी चोटें थी तथा शव खून से लतपथ था, मृतक के शरीर पर कपड़े पहने हुए थे तथा शव के पास में ही उसका बैग पड़ा हुआ था, जिसमें उसका बिजली के कार्य करने के उपकरण जैसे पेचकस, प्लास आदि बरामद हुए । उक्त स्थान पालाग्रस्त है तथा अत्यधिक फिसलन वाला स्थान/ढलान है, मृतक के शरीर पर भी रगड़ के निशान है । पुलिस टीम द्वारा मृतक के शव को ग्रामीणों की मदद से खाई से निकाला गया एवं पंचायतनामा की कार्रवाई के बाद शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ भिजवाया गया । घटनास्थल झरना करीब 30-35 मी ऊंचा है तथा सीधी खाई है उससे ऊपर पूरी तरह ढलान वाला स्थान है, काफी फिसलन एवं दुर्गम स्थल होने के कारण संभवतः झरने से ऊपर/ आसपास के रास्ते से फिसलकर, अधिक ऊंचाई से गिरने के कारण दुर्घटना में आई चोटों के कारण मृतक की मृत्यु हो जाना प्रतीत हो रहा है। रेस्क्यू टीम में महिला उपनिरीक्षक मीनाक्षी देव, अपर उपनिरीक्षक जगदीश सिंह, 3. हेड कांस्टेबल मदन मोहन, कवीन्द्र मेहरा शामिल थे।