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उत्तराखंड में नकली दवाओं का जाल! हिमाचल से पकड़ा गया प्रिंटिंग प्रेस मालिक

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उत्तराखंड में नकली दवाइयों के कारोबार का भंडाफोड़ करते हुए एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में टीम ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी इलाके से एक प्रिंटिंग प्रेस के संचालक विजय कुमार पांडे को गिरफ्तार किया है, जो ब्रांडेड दवा कंपनियों की नकली पैकिंग सामग्री तैयार करता था। अब तक इस नेटवर्क से जुड़े 6 आरोपियों को एसटीएफ पकड़ चुकी है, और पूरे रैकेट की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं।

एसटीएफ के मुताबिक, आरोपी गिरोह जीवन रक्षक दवाओं की हूबहू नकल कर उन्हें बाजार में बेचता था। दवाओं के नकली रैपर, लेबल, क्यूआर कोड और बॉक्स इतने असली जैसे लगते थे कि आम व्यक्ति धोखा खा जाए।

यह न सिर्फ लोगों की सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि सरकार को भी बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान हो रहा था। डीजीपी उत्तराखंड ने इस नेटवर्क के खिलाफ विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, जिसके तहत ये कार्रवाई की गई।

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यह पूरा मामला तब सामने आया जब 1 जून को एसटीएफ ने संतोष कुमार नामक व्यक्ति को भारी मात्रा में नकली दवा पैकिंग सामग्री के साथ गिरफ्तार किया। आगे की जांच में नवीन बंसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता और पंकज शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया।

इसी जांच के दौरान आरोपी नवीन बंसल ने खुलासा किया कि वह नकली दवाएं तैयार कर उन्हें एल्यूमिनियम फॉयल पर प्रिंट कर स्ट्रिप्स बनाता था। यह फॉयल बद्दी स्थित एसवी फॉयल कंपनी से बनवाई जाती थी, जिसे विजय कुमार पांडे चलाता है।

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चौंकाने वाली बात ये है कि विजय पांडे ने साल 2021 में फर्जी पहचान पर एक मोबाइल सिम भी नवीन बंसल को दी थी, जिसका उपयोग वह इस अवैध कारोबार को संचालित करने में करता था। इसी जानकारी के आधार पर एसटीएफ ने बद्दी से विजय को गिरफ्तार किया।

एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर के अनुसार, विजय कुमार पांडे ने स्वीकार किया है कि वह किसी भी दवा कंपनी के नाम और क्यूआर कोड को फॉयल पर प्रिंट कर देता था। अब टीम यह पता लगा रही है कि इस नेटवर्क से और कौन-कौन जुड़ा है और क्या यह नेटवर्क अन्य राज्यों तक फैला हुआ है।

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इस पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दवाओं के नाम पर कैसे आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा था। एसटीएफ की यह कार्रवाई न केवल अवैध कारोबार को रोकने की दिशा में अहम कदम है, बल्कि इससे यह भी संकेत मिला है कि जांच एजेंसियां अब ऐसे अपराधियों को बख्शने वाली नहीं हैं।

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