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विशेषज्ञ समिति का सुझावः विधान सभा में सूचना अधिकार लागू करने की व्यवस्था हो और मजबूत

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हल्द्वानी। उत्तराखंड विधानसभा की नियुक्तियों की जांच तथा भविष्य में सुधार के लिये सुझाव देने वाली विशेषज्ञ समिति ने विधानसभा में सूचना अधिकार लागू करने की व्यवस्था मजबूत करने सहित 15 सुझाव दिये है। यह खुलासा नदीम उद्दीन की सूचना अधिकार अपील के बाद विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से हुआ है।

काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने अपने सूचना प्रार्थना पत्र से विधान सभा सचिवालय के लोक सूचना अधिकारी से विधानसभा में नियुक्तियों के परीक्षण के सम्बन्ध में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट व इस पर कार्यवाही की सूचना मांगी थी। पहले तो इस सूचना प्रार्थना पत्र का उत्तर ही नहीं मिला जब श्री नदीम द्वारा प्रथम अपील की गयी तो विशेषज्ञ समिति की 217 पृष्ठों की रिपोर्ट विधानसभा की वेबसाइट पर सार्वजनिक करके लोक सूचनाधिकारी/अनुसचिव मनोज कुमार द्वारा अपने पत्रांक 28 दिनांक 6 जनवरी 2023 से उत्तर उपलब्ध कराया है। श्री नदीम को उपलब्ध रिपोर्ट के अध्ययन से स्पष्ट है कि विशेषज्ञ समिति ने नियुक्तियों की वैधता आदि पर सुझाव के अतिरिक्त विधानसभा में भविष्य में सुधार के लिये 15 सुझाव भी दिये है। इन सुझावों में क्रमांक 12 पर विधानसभा सचिवालय में सूचना के अधिकार अधिनियम को लागू करने की व्यवस्था मजबूत करने का सुझाव है ताकि कार्यों में पारदर्शिता लायी जा सके।

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पूर्व आई.ए.एस. दिलीप कोटिया (अध्यक्ष) सुरेन्द्र सिंह रावत तथा अवनेन्द्र सिंह नयाल की समिति ने भविष्य में सुधार हेतु जो सुझाव दिये है उसमें सूचना अधिकार मजबूतीकरण के अतिरिक्त अन्य सुझावों में विधानसभा के प्रमुख सचिव पद पर न्यायिक सेवा के अनुभवी एवं योग्य अधिकारी की नियुक्ति, पदों की आवश्यकता का निरीक्षण करके विधानसभा सचिवालय के संगठनीय ढांचे की राईट साइजिंग हेतु शीघ्र कार्यवाही, रिक्त पद को लोक सेवा आयोग या अन्य कोई राजकीय प्रतिष्ठित संस्था से भर्ती कराये जाए, कार्मिकों के मूल्यांकन हेतु वार्षिक चरित्र पंजिका लिखे जाने व संरक्षित किये जाने की मजबूत व्यवस्था, विधानसभा सचिवालय सेवा नियमावली को नये सिरे से विचार करके वर्तमान समय के परिप्रेक्ष्य में पुनः बनाये जाने, विधानसभा सचिवालय में बड़े स्तर पर आई.टी. (सूचना तकनीक) का प्रयोग, 2016 से पूर्व की भांति विधानसभा सचिवालय को प्रशासकीय विभाग के स्थान पर संसदीय कार्य विभाग को ही विधानसभा का प्रशासनिक विभाग बनाये जाने, पत्रावली खोलने, टीप लिखने, आदेश प्राप्त करने व उनको सुरक्षित रखने सम्बन्धी नियम बनाने, विधानसभा सचिवालय की वेबसाइट में सुधार करके मजबूत रूप प्रदान करने, विधानसभा सचिवालय के समस्त कार्मिकों का कार्य के प्रति उत्साह एवं मनोबल बढ़ाये जाने हेतु समुचित पुरस्कार योजनायें लागू करने, पदोन्नति सहित कार्मिकांें के सेवा सम्बन्धी सभी विषयों के समय से निस्तारण की व्यवस्था तथा वाहन चालक व परिचालक के कार्मिक आउट सोर्सिंग से भर्ती किया जाना लेकिन अध्यक्ष, प्रमुख सचिव, नेता प्रतिपक्ष आदि के लिये उक्त कार्मिकों के स्थायी पद रखने के सुझाव शामिल हैं।  

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Daleep Singh Gariya

संपादक - देवभूमि 24