देहरादून की डबल मर्डर मिस्ट्री का खौफनाक खुलासा, बहन और जीजा के कत्ल का आरोपी शहबाज गिरफ़्तार
देहरादून। एक सप्ताह पूर्व देहरादून में हुए डबल मर्डर के रहस्य से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। यहां दंपत्ति के शव बंद घर में पड़े मिले थे। जबकि शवों के साथ तीन दिन तक एक मासूम भी पड़ा रहा। इस मामले में पुलिस ने मृतक महिला के भाई को गिरफ्तार किया है।
मामले का खुलासा करते हुए डीआईजी दून ने बताया कि घटना वाले दिन अशवद की कार अनम का भाई शहवाज लेकर पहुंचा था जिसके बाद पुलिस ने शाहवाज से पूछताछ शुरु की। चूंकि शहवाज अनम का भाई था इसलिए उस पर शक होना थोड़ा मुश्किल था पुलिस ने शाहवाज के कॉल डिटेल खंगाले और पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। केस में हर दिन नई परते खुल रही थी। 10 तारीख की रात को शहवाज का फोन बंद था जो कि 11 तारीख को शाहवाज ने फिर से ऑन किया जिसके बाद पुलिस का शक और गहराया। अब मेन सस्पेक्ट में शाहवाज ही नजर आ रहा था।
अशवद के पुलिस को दिए बयानों पर काशिफ के परिजनों ने मृतिका के भाई शहबाज पर शक जताया और तहरीर दी जिसके बाद पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने शहवाज से पूछताछ की हालांकि लंबे वक्त तक वह पुलिस को गुमराह करता रहा और काशिफ पर कर्ज होने की बात बताता रहा। लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर शहबाज टूट गया और शहवाज ने अपने जुर्म का इकबाल किया। शहवाज ने उस रात के कत्ल की वारदात का पूरा कच्चा चिट्ठा पुलिस के सामने कबूल कर लिया। उसने यह भी क़बूल किया कि 12 तारीख की रात को वह कार लेकर शव को ठिकाने लगाने पहुचा था। अब पुलिस को यह पता लगाना था कि शहवाज ने अपने ही जीजा और बहन को मौत के घाट क्यों उतार दिया।
शहवाज ने पुलिस को बताया कि काशिफ उसके गांव का ही रहने वाला था। शहवाज का एक बड़ा भाई शादाब है और एक बहन अनम है। काशिफ का अक्सर उनके घर आना जाना होता था हालांकि काशिफ की पहले शादी हो रखी थी और उसके बाद भी काशिफ शाहवाज की बहन को अपने प्रेम जाल में फसाया और भगा कर ले गया। दोनो ने कोर्ट में शादी कर ली। शहवाज ने बताया कि उसी दिन शाहबाज ने सोच लिया था कि काशिफ को जिंदा नहीं छोडूंगा। बदला लेने के लिए उसने फिर से काशिफ से दोस्ती कर ली और मन मे बदले की आग जगा के रखी।
वहीं कुछ वक्त पहले शहवाज को पता चला अनम की पुश्तैनी 3 बीघा जमीन को काशिफ ने गिरवी रखवा लिया है और गांव में बात चला दी है कि उसने जमीन गिरवी रखने के आधे पैसे शहवाज को दिए हैं जिससे शाहबाज की पूरे गांव में बेज्जती हो गई। इसके बाद आगबबूला हुआ शाहबाज लगातार काशिफ को मारने की योजना बनाता रहा। शहवाज ने बताया कि वह 7 तारीख को ही उत्तरकाशी में कासिफ को मार देता लेकिन क्योंकि अनम को पता था कि काशिफ उसके साथ है इसलिए उसने अपना प्लान बदला और काशिफ शहवाज देहरादून आ गए। लेकिन मौका पाकर 10 जून को रात को वह अनम के घर मे फिर से पहुंचा।
घर मे देर रात तक रहा देर रात में जब सब सो गए तो मौका पाकर किचन से चाकू लाकर उसने सोते वक्त काशिफ की गर्दन पर वार कर उसका गला रेत दिया जिसके बाद अनम चिल्लाने लगी। शहवाज ने अपनी बहन अनम को भी मौत के घाट उतार दिया और काशिफ और अनम के बच्चे को वही छोड़कर घर मे ताला लगाकर फरार हो गया। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि आरोपी ने बहन और उसके पति की हत्या के बाद मासूम को उनके बीच केवल इसलिए छोड़ा कि भूख और बिना देख रेख के बच्चा खुद ही मर जाएगा और शहवाज का बदला पूरा हो जाएगा। लेकिन आज भी मासूम स्वस्थ्य है और अपने दादा दादी की कस्टडी में है और शहवाज जेल में है।