गाड़-गदेरों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में किए जाएं निरंतर प्रयास : सीएम

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सिंचाई, लघु सिंचाई और ग्रामीण निर्माण विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए व्यापक स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन और समृद्धि का आधार है, इसलिए जल संचय और जलधाराओं, गाड़-गदेरों के पुनर्जीवीकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग, साथ ही नगर निगमों को शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल संचय के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने की बात कही। उन्होंने ग्राउंड वाटर रिचार्ज पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता भी जताई और कहा कि इस दिशा में नवाचारों पर जोर दिया जाए, ताकि कार्यों में तेजी लाई जा सके।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सिंचाई विभाग को जमरानी और सौंग बांध परियोजनाओं में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने ड्रेनेज समस्याओं के समाधान के लिए तत्परता से कार्य करने और चौक डेम निर्माण की दिशा में कार्य करने का आदेश भी दिया। मुख्यमंत्री ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि सिंचाई की नहरों का अधिकतम लाभ लोगों को मिले और राज्य के विभिन्न शहरों में ड्रेनेज प्लान के कार्यों में तेजी लाई जाए।
सिंचाई और खनन विभाग को मुख्यमंत्री ने नदियों और जलाशयों में जमा सिल्ट/गाद की निकासी के लिए बैठक आयोजित कर उचित समाधान निकालने का निर्देश दिया।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि जमरानी बांध बहुद्देशीय परियोजना का कार्य 2029 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जिसके लिए 3638 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत है, जिसमें से 678 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। सौंग बांध परियोजना पर भी कार्य जारी है, जिसका लक्ष्य मार्च 2030 तक पूरा करना है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत 61 सड़कों पर कार्य चल रहा है।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव विनय शंकर पांडेय, सीपीपीजीजी के एसीईओ मनोज पंत, उप सचिव अजीत सिंह, प्रदीप मोहन नौटियाल और संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
