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मुख्यमंत्री धामी ने 16वें वित्त आयोग से की बैठक, उत्तराखंड की वित्तीय चुनौतियों पर चर्चा

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया और अन्य सदस्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें राज्य की वित्तीय स्थिति, विकास आवश्यकताओं और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य की “ईको सर्विस लागत” को देखते हुए “इनवॉयरमेंटल फेडरलिज्म” के अनुरूप उपयुक्त क्षतिपूर्ति का अनुरोध किया और वन आच्छादन के लिए “कर-हस्तांतरण” में भार बढ़ाने का सुझाव दिया। इसके साथ ही, राज्य में वनों के उचित प्रबंधन और संरक्षण के लिए विशेष अनुदान की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि पिछले 25 वर्षों में उत्तराखंड ने वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। राज्य का बजट अब एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है और नीति आयोग की एसडीजी इंडेक्स रिपोर्ट में राज्य को सतत विकास के लक्ष्यों में अग्रणी माना गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए विशेष बजट प्राविधान करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया, क्योंकि इन क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी सीमित है। उन्होंने इन क्षेत्रों के लिए कम लागत में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए नए प्रयासों की जानकारी दी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील राज्य है और इन आपदाओं से निपटने के लिए सतत आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है। इसके अलावा, गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने के बाद जल विद्युत उत्पादन की संभावनाएं सीमित हो गई हैं, जिससे राज्य की आर्थिकी पर प्रतिकूल असर पड़ा है। मुख्यमंत्री ने वित्त आयोग से प्रभावित परियोजनाओं के लिए क्षतिपूर्ति राशि और संबंधित मैकेनिज्म निर्धारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने “रेवेन्यू नीड ग्रांट” के लागू होने का भी समर्थन किया।

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16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया ने उत्तराखंड की प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि राज्य हर क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है, खासकर प्रति व्यक्ति आय और बेरोजगारी दर में सुधार हुआ है। उन्होंने राज्य की भौगोलिक चुनौतियों के समाधान के लिए व्यापक स्तर पर विचार करने की बात कही। डॉ. पनगढ़िया ने यह भी बताया कि वित्त आयोग 31 अक्टूबर 2025 तक अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपने की योजना बना रहा है।

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बैठक में सचिव वित्त  दिलीप जावलकर ने राज्य की वित्तीय चुनौतियों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। इस दौरान मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, और अन्य सचिवगण भी उपस्थित थे।

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