2019 से कोई नहीं सुन रहा फरियाद, अब इन ग्राम पंचायतों का चुनाव बहिष्कार का ऐलान
मुनस्यारी। चीन सीमा क्षेत्र के पर्यावरणीय दृष्टिकोण से अति संवेदनशील क्षेत्र बलाती फार्म से भारतीय सेना को शिफ्ट नहीं किए जाने पर सीमा क्षेत्र के नौ ग्राम पंचायतों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा कर दी है। आज इसकी सूचना जिलाधिकारी तथा उप जिलाधिकारी को लिखित रूप में दे दी गई है। विकास खंड मुनस्यारी के ग्राम पंचायत बूंगा से लगे बलाती फॉर्म क्षेत्र में सबसे अधिक पेयजल के प्राकृतिक स्रोत है।
वर्ष 2019 से बलाती फॉर्म की जमीन पर भारतीय सेना की बसासत शुरु हुई। क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों ने इसका विरोध शुरू किया, लेकिन कोविड काल की आड़ में भारतीय सेना यहां आकर जबरन बसने लगी।अब वह हर साल अपने बसासत क्षेत्र का विस्तार कर रही है। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा वर्ष 2019 से लगातार जिला प्रशासन को पत्र भेजकर भारतीय सेना को पर्यावरण की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र से शिफ्ट किए जाने की मांग की जा रही है।
जिला प्रशासन द्वारा इन पत्रों का संज्ञान लेते हुए दर्जनों बार तहसील प्रशासन को पत्र जारी कर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि तथा भारतीय सेना की सयुंक्त बैठक कराकर समाधान निकाले जाने के लिए पत्र लिखा गया, लेकिन 4 सालों के भीतर इन पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भारतीय सेना के द्वारा लगातार पेयजल स्रोतों के आसपास अपने आवास बनाए जा रहे है। उनके शौचालयों से निकलने वाले गंदगी से पेयजल स्रोत का स्वरूप दूषित हो रहे है। इससे स्थानीय जनता में आक्रोश पनपता जा रहा है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि भारतीय सेना को निकट के सरकारी जमीन में शिफ्ट किए जाने की मांग का पत्र जिला प्रशासन को लिखा गपा था। लेकिन जिला प्रशासन ओर से इस संदर्भ में कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बताया कि आम जनता की सहमति से ग्राम पंचायत सरमोली, बूंगा, मल्ला घोरपट्टा, तल्ला घोरपट्टा, जैती, बनिया गांव, कवाधार, पापड़ी, सेरा सुराईधार में लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आम जनता को बहिष्कार की पक्ष में जागरूक किया जाने के लिए जागरूकता अभियान भी चला जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को शिफ्ट किए जाने के बाद ही बहिष्कार करने निर्णय वापस किया जाएगा।