उत्तराखण्डजन-मुद्देदेहरादून

उत्तराखंड सरकार की नई कृषि योजनाएं, किसानों की समृद्धि की ओर कदम

ख़बर शेयर करें -

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार, खेती किसानी की तरक्की के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कृषि विभाग कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की अहम योजनाओं के लाभ भी प्रदेश के किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।  

कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज वितरण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा, उर्वरक, कीट नियंत्रण, फसल बीमा की सुविधा देने के साथ ही केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ दे रहा है। सरकार किसानों को अपने खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। 

यह भी पढ़ें -  हल्द्वानीः खंडहर में मिली एंबुलेंस ड्राइवर की सड़ी-गली लाश, सनसनी

योजना के तहत भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 508. 89 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत कलस्टर के आधार पर चयनित गांवों जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यह योजना 3900 क्लस्टर में संचालित की जा रही है, इसके लिए भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13127.40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। 

सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं 8.88 लाख किसान

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में 8.88 लाख पंजीकृत किसानों को प्रतिवर्ष छह हजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 178.04 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। योजना के तहत अब तक प्रदेश में कुल 2757.20 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी की है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक अप्रैल से सभी जनपदों में चावल और मंडुआ फसल को योजना के तहत कवर किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें -  रास्ते बंद, राहत नहीं: मानसून की मार झेलता उत्तराखंड

सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों के लिए विशेष कृषि विकास कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में चयनित गांवों के लिए 700 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।  राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है। हमारी प्राथमिकता आधुनिक तकनीक और नवाचारों को किसानों तक पहुंचाना है, जिससे खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें -  विधानसभा में दूसरे दिन कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन तेज, नियम 310 के तहत चर्चा की मांग पर अड़ी
What’s your Reaction?
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
Join WhatsApp Group