इस तरह झांसे में लेकर लोगों से की जाती थी ठगी, एसटीएफ ने गिरफ्तार किया शातिर
देहरादून। उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र ने साईबर धोखाधड़ी के सरगना को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया है। अभियुक्त सोशल मीडिया साईट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से धनराशि जमा करवाते थे। अभियुक्त साईबर धोखाधड़ी हेतु दूसरे व्यक्तियों की आईडी से निर्गत कई सिमकार्ड्स व धनराशि बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि अल्मोड़ा में शिक्षा विभाग में नियुक्त पीड़ित ने फरवरी माह में शिकायत दर्ज कराई। बताया कि उन्होंने फेसबुक में एक ट्रैडिंग बिजनेस का मैसेज देखा। जिसमें संपर्क करने पर उन्हें वाट्सअप ग्रुप में जुड़ने के लिए कहा गया। जिसके माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 30 लाख रुपये की धनराशि जमा करायी गयी। जिसमें नये जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया। मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम ललित मोहन जोशी को विवेचना सौंपी गई। इस पर घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नम्बर, ईमेल और वाट्सअप की जानकारी का डेटा प्राप्त किया गया।
पाया गया कि साईबर अपराधियों ने घटना में पीड़ित से प्री-एक्टिवेटेड दूसरे लोगों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड बैंक खातों का प्रयोग किया गया है। साथ ही दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के विभिन्न बैंक खातों में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गयी है। इस तरह जांच में एकत्रित साक्ष्यों के आधार पर मास्टर मांइड व मुख्य आरोपी चन्दन कुमार यादव पुत्र स्व. रामजीत यादव निवासी ग्राम मानिकपुर, पीरपैंती, जिला भागलपुर बिहार चिन्ह्ति करते हुए गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए। लेकिन शातिर अपराधी पुलिस को चकमा देने के लिए लोकेशन बदलता रहा।
इस बीच साईबर पुलिस टीम के पास कुछ नई तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी। जिसके आधार पर आरोपी को जयपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया। अभियुक्त के कब्जे से घटना में प्रयुक्त तीन मोबाइल फोन, लैपटॉप, 7 चैक बुक, पासबुक, बैंक चैक, 7 डेबिट कार्ड, विभिन्न सिम कार्ड, फर्जी मुहरें व आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि भी बरामद किए गए हैं। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर बैंक खाते खोले हैं, जिनका प्रयोग वह खुद करता था। बैंक खातो में लिक मोबाइल नम्बर और ईमेल आईडी को इटंरनेट बैंकिंग के लिये प्रयोग करता था।साईबर पुलिस इस मामले में देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है।